हे यीशु तूने कहा था - ईश्वर इन्हें क्षमा करना...ये नहीं जानते ये क्या कर रहे हैं.
तुम महान थे यीशु...और वे शायद सचमुच नहीं जानते थे कि वे क्या कर रहे थे.
मैं जो अदना इन्सान हूँ सलीब पर हरदम लटकाई जा रही हूँ
और लटकाने वाले खूब सोच समझ कर हर टपकने वाली लहू की बूँद का स्वाद ले रहे हैं
मैं यह मान ही नहीं रही हूँ उनके सामने कि मैं सलीब पर तड़प रही हूँ
उन्हें अपनी पीड़ा का अहसास ही नहीं होने देना चाहती
पर महान यीशु...
मुझे क्षमा करना...
मैं चाहती हूँ कि इश्वर उन्हें कभी क्षमा न करे.
शनिवार, 25 दिसंबर 2010
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